आबकारी नीति के मनी लॉन्डरिंग मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल की होली जेल में ही मनेगी। राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा उन्हें 6 छह दिन की ईडी की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस फैसले के बाद देश की सियासत में भूचाल आ गया है। विपक्ष ने इस फैसले का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। साथ ही इंडिया गठबंधन से जुड़ी राजनीतिक पार्टियां देशभर में प्रदर्शन कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
जेल भेजने वाले ये तीन सवाल
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में जिरह के दौरान जिन सवालों को सीएम केजरीवाल के सामने रखा उसका जवाब वो नही दे सके। साथ ही उनके बचाव में वकील में अदालत के सामने चुपचाप हो गए। अपनी जांच के दौरान ईडी पूरा होमवर्क करके आई थी। उसने पहले सवाल में शराब नीति को लेकर स्पष्टीकरण का हवाला दिया,,,,,, तो वही दूसरे सवाल में गोवा विधानसभा चुनाव में करोड़ों रुपए की खपाई गई रकम का काला चिट्ठा पेश किया,,,,, इसके बाद ईडी के अधिकारी यहीं नहीं रुके,,, अपने तीसरे सवाल पर उन्होंने दक्षिण भारतीय शराब व्यापारियों और आप पार्टी के संस्थापक के बीच का गोलमोल रिश्ते की पोल खोल दी।
अपनी जांच में किया खुलासा
ईडी ने जांच के दौरान सभी पहलुओं पर नजर रखी। शराब नीति से जुड़े हर दस्तावेज को बारीकी से खंगाला। साथ ही आम आदमी पार्टी के सभी लेन देन की गहनता से जांच की। पार्टी से जुड़े कुछ नेताओं की भी संपत्ति जांची। इतना सब करने के बाद ईडी को पर्याप्त सबूत मिल गए । जिससे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई।
जेल से सरकार संचालन
छह दिन की न्यायिक हिरासत में गए सीएम केजरीवाल अब भी खुद बेकसूर बता रहे हैं। साथ ही उन्होंने जेल से ही सरकार चलाने निर्णय लिया है। पार्टी कार्यकर्ता और इंडिया गठबंधन के सभी दल केजरीवाल के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि न्यायिक हिरासत खतम होने के बाद कोर्ट का अगला आदेश क्या होता है? साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर आप पार्टी किस तरह से अपना स्टैंड जनता के बीच रखती है।